Environmental Science compulsory syllabus and course input details for part 1, part 2 and part 3 annual and semesters have been confirmed by Dr. Ram Manohar Lohia Avadh University, Ayodhya.
क) वन संसाधन: प्रयोग एवं अत्याधिक शोषण, निर्वनीकरण, निर्वनीकरण से जुड़ी घटनाओं का अध्ययन, इमारती लकड़ी, खनन, बाँध और वन वनवासियों पर इनका प्रभाव
ख) जल संसाधन: सतही एवं भूगर्भ जल का प्रयोग एवं अत्यधिक शोषण, बढ़, सूखा, जल के प्रयोग एवं अधिकार संबंधी विवाद, बाँध-लाभ एवं समस्यायें
ग) खनिज संसाधन: प्रयोग एवं शोषण, खनिज निस्सारण एवं प्रयोग के पर्यावरणीय प्रभाव, सम्बंधित घटनाओं का अध्ययन
घ) खाद्य संसाधन: वैश्विक खाद्य समस्या, कृषि एवं पशुओं द्वारा अधिक चराई के कारण होने वाले परिवर्तन, कृषि की नई विधियों के प्रभाव, खाद-कीटनाशकों की पर्यावरणीय समस्यायों, वाटर-लागिंग, लवणता सम्बन्धी घटनाओं का अध्ययन
ङ) ऊर्जा संसाधन: ऊर्जा की बढ़ती आवस्यकतायें, पुनर्नवीनीकरण हो सकने वाले तथा पुनर्नवीनीकरण हो सकने वाले तथा पुनर्नवीनीकरण न हो सकने वाले ऊर्जा-श्रोत, वैकल्पिक ऊर्जा श्रोतों का प्रयोग। सम्बंधित घटनाओं का अध्ययन।
च) भूमि-संसाधन: भूमि संसाधन के रूप में भू-क्षरण, मानव जनित भू-स्खलन मृदा अपरदन एवं मरुस्थलीकरण
निम्नलिखित की भूमिका, प्रकार, प्रमुख गुण, संरचना एवं क्रियाएँ:
परिभाषा
निम्न के कारण, प्रभाव एवं रोकथाम के उपाय:
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भाग 01 पर्यावरण अध्ययन की बहुआयामी प्रकृति |
- परिभाषा, उपयोगिता एवं महत्व
- जन-जागरण की आवश्यकता
भाग 02 प्राकृतिक संसाधन |
- पुनर्विनिकृत हो सकने वाले व न हो सकने वाले प्राकृतिक संसाधन
- प्राकृतिक संसाधन एवं उनसे जुड़ी समस्यायें
क) वन संसाधन: प्रयोग एवं अत्याधिक शोषण, निर्वनीकरण, निर्वनीकरण से जुड़ी घटनाओं का अध्ययन, इमारती लकड़ी, खनन, बाँध और वन वनवासियों पर इनका प्रभाव
ख) जल संसाधन: सतही एवं भूगर्भ जल का प्रयोग एवं अत्यधिक शोषण, बढ़, सूखा, जल के प्रयोग एवं अधिकार संबंधी विवाद, बाँध-लाभ एवं समस्यायें
ग) खनिज संसाधन: प्रयोग एवं शोषण, खनिज निस्सारण एवं प्रयोग के पर्यावरणीय प्रभाव, सम्बंधित घटनाओं का अध्ययन
घ) खाद्य संसाधन: वैश्विक खाद्य समस्या, कृषि एवं पशुओं द्वारा अधिक चराई के कारण होने वाले परिवर्तन, कृषि की नई विधियों के प्रभाव, खाद-कीटनाशकों की पर्यावरणीय समस्यायों, वाटर-लागिंग, लवणता सम्बन्धी घटनाओं का अध्ययन
ङ) ऊर्जा संसाधन: ऊर्जा की बढ़ती आवस्यकतायें, पुनर्नवीनीकरण हो सकने वाले तथा पुनर्नवीनीकरण हो सकने वाले तथा पुनर्नवीनीकरण न हो सकने वाले ऊर्जा-श्रोत, वैकल्पिक ऊर्जा श्रोतों का प्रयोग। सम्बंधित घटनाओं का अध्ययन।
च) भूमि-संसाधन: भूमि संसाधन के रूप में भू-क्षरण, मानव जनित भू-स्खलन मृदा अपरदन एवं मरुस्थलीकरण
- - प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण में आम व्यक्ति का योगदान
- - समग्र जीवन शैली के लिए प्राकृतिक संसाधनों का समान उपयोग
भाग 03 पारिस्थितिकी |
- पारिस्थितिकी तंत्रः परिभाषा
- पारिस्थितिकी तंत्रः की संरचना एवं क्रियायें
- उत्पादक, उपभोक्ता एवं अपघटक
- पारिस्थितिकी तंत्र में ऊर्जा-प्रवाह
- पारिस्थितिकीय आवर्तन - (इकोसिस्टम सक्सेसन)
- खाद्य श्रृंखला, खाद्य-जाल, पारिस्थितिकीय पिरामिड
निम्नलिखित की भूमिका, प्रकार, प्रमुख गुण, संरचना एवं क्रियाएँ:
- अ) वनों का पारिस्थितिकी तंत्र
- ब) चारागाह का पारिस्थितिकी तंत्र
- स) मरुस्थलीय पारिस्थितिकी तंत्र
- द) जलीय पारिस्थितिकी तंत्र (तालाब, धारा, झील, नदी, समुद्र, इस्चुरी)
भाग 04 जैव विविधता एवं इसका संरक्षण |
- परिभाषा (अनुवांशिक, प्रजातियों तथा पारिस्थितिकी तंत्र में विविधता)
- भारत का जैव भौगोलिक वर्गीकरण
- जैव-विविधता का महत्व: पोषणक्षम उपयोग (कंजमिप्टव यूज), उत्पादनक्षम प्रयोग (प्रोडक्टिव यूज़), सामाजिक, नैतिक, सौन्दर्यीक तथा रूचि सम्बन्धी महत्व।
- वैश्विक, राष्ट्रीय व स्थानीय स्तर पर जैव-विविधता।
- जैव विविधता के हॉट-स्पॉट
- जैव विविधता को खतरे: आवास-क्षय (हैबिटेट लॉस), वन्य जीवों का शिकार, मानव-वन्य जीव विवाद
- भारत की संकटापन्न व परम्परागत प्रमुख प्रजातियाँ
- जैव विविधता संरक्षण: इन-सीटू व एक्स-सीटू विधियाँ
भाग 05 पर्यावरणीय प्रदूषण |
परिभाषा
निम्न के कारण, प्रभाव एवं रोकथाम के उपाय:
- क) वायु-प्रदूषण
- ख) जल-प्रदूषण
- ग) मृदा-प्रदूषण
- घ) समुद्री-प्रदूषण
- ङ) ध्वनि-प्रदूषण
- च) तापीय-प्रदूषण
- छ) परमाणवीय खतरे
- ठोस अपशिष्ट प्रबंधन: शहरी एवं औद्योगिक अपशिष्टों की उत्पत्ति के कारण, प्रभाव व रोकथाम के उपाय
- प्रदूषण के रोकथाम में आम व्यक्ति की भूमिका
- प्रदूषण संबंधी प्रमुख घटनायें
- आपदा प्रबंधन: बाढ़, भूकंप, चक्रवात एवं भू-स्खलन
भाग 06 पर्यावरण के सामाजिक मुद्दे |
- अस्थाई (अनसस्टनेबल) विकास से स्थाई (सस्टेनेबल) विकास की ओर
- शहरी क्षेत्रों में ऊर्जा सम्बन्धी समस्यायें
- जल-संरक्षण, वर्षा-जल संग्रह, जल संग्रह क्षेत्र प्रबंधन (वाटर शेड मैनेजमेंट)
- विकास की योजनाओं के कारन हुए विस्थापितों का पुनर्वास, पुनर्वास की समस्यायें व उनसे जुड़ी चिंताएँ। प्रमुख घटनायायें।
- पर्यावरणीय नैतिकता: मुद्दे व संभावित निराकरण।
- जलवायु परिवर्तन, धरती के तापमान में वृद्धि (ग्लोबल वार्मिंग), अम्ल वर्षा, ओजोन परत क्षरण, परमाणिय दुर्घटनायें व होलोकास्ट, प्रमुख घटनयायें।
- परती भूमि सुधार
- उपभोक्तावाद व अपशिष्टों का उत्पादन
- पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम
- पर्यावरणीय कानून के देश में लागू होने सम्बन्धी मुद्दे
- वायु (प्रदुषण, बचाव व रोकथाम) अधिनियम
- जल (प्रदूषण, बचाव व रोकथाम) अधिनियम
- वन (सरंक्षण) अधिनियम
- वन्य जीव (संरक्षण) अधिनियम
- जन जागरूकता
भाग 07 मानव जनसंख्या व पर्यावरण |
- जनसंख्या-वृद्धि, विभिन्न देशों के बीच असमानतायें
- एच० आई ० वि ०/एड्स
- जनसंख्या-विस्फोट-परिवार कल्याण कार्यक्रम
- नारी व शिशु कल्याण
- पर्यावरण व मानव-स्वास्थ्य
- पर्यावरण व मानव स्वास्थ्य में सुचना प्रौद्योगिकी की भूमिका
- मानवाधिकार
- महत्वपूर्ण घटनायें
- मूल्य आधारित शिक्षा (वैल्यू एजुकेशन)
भाग 08 क्षेत्र-अध्ययन |
- नदी/वन/चरागाह/पर्वत/पहाड़ी के पर्यावरणीय संसाधनों व् महत्वों को देखकर लिपिबद्ध करना
- प्रदूषित क्षेत्रों (शहरी/ग्रामीण/औद्योगिकी/कृषि सम्बन्धी) का भ्रमण
- क्षेत्र विशेष के सामान्य पौधों, कीटों व चिड़ियों का अध्ययन
- सामान्य पारिस्थितिकी तंत्र के रूप में तालाब, नदी, पर्वतीय ढ़लानों आदि का अध्ययन
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